हरतालिका तीज: इस त्योहार का महत्व
- हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रतों में से एक है।
- आज अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रख रही हैं।
- इसमें सुबह से बिना कुछ खाए व पिए दिनभर निर्जला व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि मां पार्वती ने कठोर तपस्या करते हुए भगवान शिव को पति रूप में पाया था।
- सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज के त्योहार का विशेष महत्व है। इस तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं।
- तीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं।
- हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महीलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए रखती हैं। इसमें व्रती सुहागिन महिलाएं सुहाग की सभी चीजों को मां पार्वती को अर्पित करती हैं।
मंत्रों का जाप
देवी मंत्र- ऊँ गौर्ये नम: और गौरी मे प्रीयतां नित्यं अघनाशाय मंगला। सौभाग्यायास्तु ललिता भवानी सर्वसिद्धये।।शिव मंत्र- ऊँ नम: शिवाय
गणेश जी के मंत्र- श्री गणेशाय नम
शुभ योग
पूजा-उपासना :
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत बीते 29 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी है। जोकि 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगी।
- भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को निर्जला व्रत रखा जाता है। इसे हरतालिका तीज या फिर तीजा कहा जाता है।
- 30 अगस्त 2022 को हरतालिका तीज पर शुभ योग हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन हुआ है। शुभ योग 30 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 03 मिनट तक रहेगा और पूरे दिन हस्त नक्षत्र रहेगा।
- ऐसे में शुभ योग और नक्षत्र में हरतालिका पर्व और पूजा-पाठ मनाना बहुत ही फलदायी रहेगा।
सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त को प्रदोष काल कहा जाता है। 30 अगस्त को प्रदोष काल शाम के 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
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